अहिंसा क्रांति / राजेन्द्र बोथरा
हैदराबाद। तेरापंथ धर्म संघ के आचार्य श्री महाश्रमण जी के विद्वान संत मुनि श्री ज्ञानेंद्र कुमार जी ,मुनि श्री प्रशांत कुमार जी ,मुनि श्री दीप कुमार जी के सानिध्य में बरकतपुरा के फार्च्यून पार्क में आध्यात्मिक प्रवचन का आयोजन किया गया
जनसभा को संबोधित करते हुए मुनि श्री ज्ञानेंद्र कुमार जी ने कहा जैन धर्म में एक अत्यंत महत्वपूर्ण स्रोत प्रचलित है जिसे *लोगस्स पाठ* कहा जाता है इसका वास्तविक नाम है-"उक्कित्तणं"। यह एक शाश्वत पाठ होने के साथ-साथ अत्यंत प्रभावशाली और अनेकानेक समस्याओं, संकटों का निवारण करने में सक्षम है। इसकी साधना के लिए आवश्यक है समय बद्धता, मानसिक दृढ़ता ,निरंतरता। अगर श्रद्धा, भक्ति से इसका जाप करते हैं तो जीवन में चमत्कार घटित हो सकते हैं ।लोगस्स की एक पूरी माला फेरनी चाहिए।
इससे हमारे चारों और का आभामंडल पवित्र होता है संवत्सरी महापर्व पर प्रतिक्रमण में 40 लोगस्स का ध्यान किया जाता है ,उससे मन की पवित्रता बढ़ती है, अहंकार की ग्रंथियां शिथिल हो जाती हैं और तब व्यक्ति विनम्र बनकर सबसे क्षमा काआदान- प्रदान करता है। आपसी संबंधों में मधुरता आना इसका एक सुपरिणाम प्रत्यक्ष दृष्टिगोचर होता है । मुनि प्रशांत कुमार जी ने कहा कि सुख और दुख हर व्यक्ति के जीवन में आते हैं सुख ज़्यादा भी मिल जाए तब भी वह थोड़ा लगता है और दुख थोड़ा सा भी होता है तो वह ज़्यादा लगता है सुख और दुख यह कहीं बाहर से नहीं आते और ना कहीं बाहर से लाए जाते हैं| यह हमारे अपने भीतर ही पैदा होते हैं अगर दृष्टिकोण आपका पॉजिटिव है तो हर कठिन परिस्थिति में भी प्रसन्नता से रह लेंगे। कठिनाइयां से अपना दुख भी आधा हो जाएगा लेकिन दृष्टिकोण जब नकारात्मक होता है तो सब तरह की साधन सुविधाएं धन दौलत मिलने पर भी आदमी दुखी जीवन जीता है सुख और दुख वस्तुतः परिस्थितियों और साधन सुविधाओं पर निर्भर नहीं है यह आपके विचारों पर निर्भर करता है आपकी सोच पर निर्भर करता है कि उन परिस्थितियों में आपकी सोच नकारात्मक रहती है या सकारात्मक हम सकारात्मक सोच को अपनाकर जीवन को महान बनाने का प्रयास करते रहे। मुनि श्री देव कुमार जी ने इस अवसर पर उपस्थित रहकर श्रावकों को प्रेरणा प्रदान की।
यह ज्ञातव्य है कि मुनि ज्ञानेंद्र कुमार जी ,मुनि प्रशांत कुमार जी ,मुनि दीप कुमार जी ,मुनि कुमार जी ,मुनि विनीत कुमार जी, मुनि विमलेश कुमार जी, मुनि सुबोध कुमार जी सभी संतो ने हैदराबाद के विभिन्न स्थानों में परिभ्रमण कर श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक लाभ प्रदान किया है । 20 मार्च को सभी मुनिवृंद के सिकंदराबाद , डीवी कॉलोनी स्थित तेरापंथ भवन पधारेंगे। जहां प्रतिदिन प्रायः9:15 बजे प्रवचन कार्यक्रम रखा जाएगा